सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

भ्रस्टाचार मिटाना है -- एक नारा तो नहीं ?

हमारे मुख्यमंत्री भ्रस्टाचार मिटाने का वादा चुनावी सभावों में किया था | वें सरकारी स्तर से प्रयास भी कर रहे हैं |राइट टू सर्विस  एक्ट बनाने जा रहें ,निगरानी बिभाग की लगातार समीक्छात्मक बैठकें हो रही है ,निगरानी जाँच में तेजी लाई जा रही है ,सभी बिभागीय सचिव लगातार दौरे कर रहें हैं |ऐसा लगता है कि सामाजिक तानाबाना की अच्छी समझ रखने वाले लोग ऐसा कैसे मान ले रहे हैं कि भ्रस्टाचार के खिलाफ लड़ाई सरकारी स्तरपर लड़ी जा सकती है एवं जीती जा सकती है |ऐसे लोग मुख्यमंत्री जी को बताते क्यूँ नहीं कि बिना जनता के सहयोग लिए यह लड़ाई जीती नहीं जा सकती |यह एक नारा बन कर रह जायेगा

शनिवार, 9 अक्तूबर 2010

बिहार में बाहुबलियों का महिमामंडन

लेखक ने बाहुबलियों की सूची दी है --कुछ बानगी --कांग्रेस से -आनंदमोहन ;पपूयादव  आदित्य सिंह  ;अखिलेश सिंह (नवादा);रतन सिंह (बेगुसराय );साधू यादव ;उपेन्द्र राय (सोनपुर );जद (यू )से ---कौशल यादव (नवादा );प्रदीप महतो (वारसलीगंज );अनंत सिंह (मोकामा );राजेश सिंह (धनहा );सुनील पाण्डेय (पीरो );गुड्डी देवी (रुन्नी सैदपुर );सरफराज आलम (अररिया );कौशल यादव (गोविंदपुर );अमरेन्द्र पाण्डेय ((कत्तेया );धूमल सिंह ;मुन्ना शुक्ल ;लोजपा ---सूरज भान ;रामाँ   सिंह ;राजन तिवारी ;राजद ----शहाबुद्दीन ;राज्बल्लभ यादव (नवादा );प्रभुनाथ सिंह ;सुरेन्द्र यादव (बेलागंज );राजेंद्र यादव (अतरी);!लेखक मानते हैं की उपरोक्त बाहुबली की पत्नी या उनके रिश्तेदार के चुनाव में टिकट  मिलने से  बिहारका चुनाव नतीजा इनके अनुसार होगा एवं सरकार  इनके अनुसार बनेगी एवं इनके नियंत्रण में रहेगी एवं अगर ऐसा नहीं हुआ तो इतना  बरा    समाचार बनाकर लेखक महोदय बाहुबलियों को      माहिमामंदित ही तो कर रहें हैं !इस प्रकार बिहार की जनता द्वारा पिछले दो चुनाव (लोकसभा ,बिधानसभा )में दिए गए नतीजे का सम्मान श्रीमान लेखक नहीं कर रहे हैं बल्कि अपमानित कर रहे हैं !बिहार की जनता का अपमान करने की जिम्मेदारी राज ठाकरे एवं शिवसेना ने उठा रखी है ऐसे लोगों की श्रेणी में अपना नाम लिखाने के लिए क्यूँ बेताब हैं !आपको नहीं पता होगा की इन नकारात्मक पत्रकारिता के कारन हम बिहारियों को बिहार के बाहर(अन्य प्रदेशों में )कितनी मानसिक यंत्रणा झेलनी परती हैं !इन नकारात्मक पत्रकारिता के कारन  हम बिहारी  हीन भावना से ग्रसित होते हैं (अख़बार/पत्रिका में छपी बातोंपर आंख मूंदकर भरोसा करने के कारन )!श्रीमान लेखक महोदय  बाहुबलियों  से बिहार चुनाव को मुक्त कराना हो तो  सकारात्मक पत्रकारिता करने की कृपा करें ;सभी दलों की मांग के अनुसार सभी बूथों पर केंद्रीय सशस्त्र बल की प्रतिनियुक्ति हेतु अपनी लेखनी के बल पर चुनाव आयोग पर दबाव बनायें !पिछले चुनाओं के दागी पदाधिकारियों  को चुनाव कार्य से मुक्त कराने हेतुअभियान चलाकर चुनाव आयोग पर दबाव बनायें  उनकी सूचि  प्रकाशित करेंएवं इन प्रयासों से निस्पक्छ एवं हिंसामुक्त चुनाव हो सका तो बिहार की जनता एक बार फिर पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी बाहुबलियों को धुल चटाएगी !  

बुधवार, 22 सितंबर 2010

डी.ऍम बंटवाए परचा

हिंदुस्तान दैनिक २२.०९.१० के अनुसार वोटरों को डी.ऍम परचा बन्त्वायेंगे . क्या यह समाचार सही है

धन्यवाद

आप सब पाठक महोदय का मै हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ !